नई दिल्ली| एम्स के राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र कोविड-19 से मरने वालों की आंख के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरसकी मौजूदगी का पता लगाने के लिए एक अध्ययन कर रहा है| केंद्र के प्रमुख डॉक्टर जेएस टिटियाल ने 7 सितंबर को यह जानकारी दी| राष्ट्रीय नेत्र बैंक (एनईबी) द्वारा आयोजित 36वें नेत्रदान पखवाड़े के अवसर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अध्ययन के लिए पांच नेत्र गोलक एकत्र किए गए हैं| टिटियाल ने कहा, ”शोध अध्ययन से कोविड-19 संक्रमित मृतक के कॉर्निया, ऑप्टिक नर्व और रेटिना में कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने में मदद मिलेगी.”उन्होंने कहा, ”इन ऊतकों में कोरोना वायरस की उपस्थिति का पता लगाने और आनुवंशिक सबूतों की तलाश के लिए नेत्र गोलकों के विभिन्न आणविक परीक्षण किये जाएंगे.” आरपी सेंटर की डॉ नम्रता शर्मा ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई प्रमाणित सबूत नहीं है जो कोविड-19 और दृष्टिहीनता के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित करता हो. आगे कहा, ”रेटिनल और वीनस ब्लॉक के अलग-अलग मामले सामने आए हैं, जिससे थ्रोम्बोम्बोलिज़्म के कारण दृष्टि में अचानक कमी आ सकती है. लेकिन इस बारे में अब तक कोई प्रामाणिक कारण और प्रभाव ज्ञात नहीं है.”